शिवाजी बनाम औरंगजेब: चुनावी समर 2023

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हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हाल के चुनावी माहौल में शिवाजी और औरंगजेब के बीच लड़ाई को ज़ोरदार तरीके से स्थापित किया है। भाजपा नेताओं ने हिन्दू हितों की रक्षा के लिए इस लड़ाई को अनिवार्य बताया है। उनका कहना है कि यह चुनाव हिन्दू विरासत की रक्षा के लिए आवश्यक है, जबकि मुंबई में आदित्य ठाकरे और उनके पार्टी के सहयोगियों ने आरोप लगाया है कि औरंगजेब फैन क्लब मुस्लिम तुष्टिकरण और अल्पसंख्यक वोटों को भुनाने का प्रयास कर रहा है। भाजपा यह मानती है कि यह चुनाव केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश की राजनीति पर है। प्रधानमंत्री के अनुसार, शिवाजी की विरासत बनाम औरंगजेब की विरासत का चुनाव होना है और जब मुद्दे बढ़ते हैं तो बयानबाज़ी भी तेज हो जाती है। हाल के दिनों में राजनीतिक जुबानी जंग में दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते नजर आ रही हैं। जहां भाजपा अपने विचारों को मजबूती से पेश कर रही है, वहीं विपक्षी दलों ने भी जवाब देने में पीछे नहीं हट रहे हैं। यह चुनाव न केवल सत्ता का खेल है, बल्कि विचारधारा की भी लड़ाई है।
Highlights
  • • प्रधानमंत्री मोदी ने शिवाजी और औरंगजेब के मुद्दे को प्रमुखता दी।
  • • गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ कानून में बदलाव का समर्थन किया।
  • • चुनाव को मुस्लिम वोटों के लिए औरंगजेब फैन क्लब की सक्रियता के रूप में देखा गया।
  • • नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए चुनावी बयानबाजी की।
  • • आधिकारिक चुनाव की तारीख 20 नवंबर है।
  • • भाजपा ने हिन्दू हितों की रक्षा और शिवाजी की विरासत को प्रमुख बनाकर चलाया।
  • • विपक्ष ने मुस्लिम वोट बैंक बनाने की कोशिश की।
  • • महाराष्ट्र का चुनाव यूपी की राजनीति से भी प्रभावित होने की संभावना।
  • • आपराधिक तत्वों को चुनावी राजनीति से जोड़कर नकारात्मकता का आरोप लगाया गया।
  • • राजनीतिक बयानबाजी सही मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
* Jaywizzy boe helped DAVEN to generate this content on 11/15/2024 .

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